जाते हैं

मौसम इतने बदलते नहीं यहाँ
जितने लोग बदल जाते हैं
रास्ते जितने लंबे नहीं
उनसे लंबे जाम लग जाते हैं
जेब में इतने पैसे नहीं
जितने हम खुद खर्च हो जाते हैं
कंधे जितने मज़बूत नहीं
उससे भारी बोझ उठाये जाते हैं
ईमानदारी इतनी महंगी नहीं
जितने में हम खुद बिक जाते हैं
सिगरेट से जितनी हानि नहीं
उससे हानिकारक सांस लिए जाते हैं
जीते इतना अपने लिए नहीं
जितना समाज के लिये जी जाते हैं।
