कैंची सी ज़बान

कुछ मुहावरे व
लोकोक्तियां हैं
जो आदर्श नारी
पर जंचते नहीं हैं
उसी विषय में
प्रस्तुत है आज
की बात
बोल – ज़बान कैंची की तरह चलाना
अर्थ – बहुत बढ़-बढ़ाकर तीखी बातें करना
अपने चारों
तरफ़ देखो
जो गलत
घट रहा है
उसे लेकर
तुम्हारी जो
राय है
हां वही
दुनिया में
बदलाव के
लिए स्वयं
बदलना होगा
वाली राय
उसी राय को
चाशनी में
डुबाना ताकि
ज्यों की त्यों
न लगे फ़िर
उसे संवारना
ताकि नग्न
सच समाज
के सामने
रखने पर भी
खूबसूरत लगे
याद रहे
सौ प्रतिशत
की गारंटी
नहीं है
तुरन्त इस
टैग से
निवारण
के लिए
अपनी उस
राय को
सवेरे कचरे
के डब्बे के
साथ त्याग दें
.
.
यूं तो इस
लोकोक्ति का
सही उपयोग
समाज के
वर्णन में
आना चाहिए
मगर क्या करें
जब समाज
इस का प्रयोग
मॉडर्न नारी
के आज़ाद
विचारों को
व्यक्त करने
की प्रकिया
में करता है
और सौ
बातों की
एक बात
जो हम
सीख ली है
वह यही
तो है कि
नारी या तो
आदर्श हो
सकती है
या मॉडर्न
ठीक वैसे
ही जैसे
नारी या तो
घर संभाल
सकती है
या काम
तो आज
हमने मुहावरों व
लोकोक्तियों में से
एक के विषय
में चर्चा की है
आदर्श नारी पर
और कौन से
गुण नहीं जंचते
यह जानने के
लिए देखते रहिये
सुनते रहिये
वही जो समाज
रोज़ाना दोहराता
रहता है
आज के लिये
मेरी तरफ़ से
इतना ही
अलविदा।
